लातेहार के पठारी भागों में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सुग्गा बांध-लोध फॉल में विकराल स्थिति

 

लातेहार: जिले के पठारी भागों में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जिले के महुआडांड़ और गारू प्रखंड में स्थित कई नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है. नदियों का पानी पुल-पुलिया के ऊपर से गुजर रहा है. प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सुग्गा बांध और लोध फॉल ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया है. इससे कई गांव का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. वहीं, बारेसांड के पास महुआडांड़-गारू मुख्य पथ पर पेड़ गिर जाने के कारण सड़क पर आवागमन काफी देर तक बाधित रहा।दरअसल, लातेहार जिले के लगभग सभी प्रखंडों में शनिवार को अच्छी बारिश हुई. महुआडांड़ और गारू प्रखंड में रात में भी जोरदार बारिश हुई. छत्तीसगढ़ के कुछ भागों में भी जोरदार बारिश होने के कारण दोनों प्रखंड में बहने वाली नदियां उफान पर आ गई हैं. महुआडांड़ प्रखंड के राजडंडा गांव में बहने वाली नदी भी अपने स्तर से ऊपर नजर आ रही है. इससे गांव में आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है।इधर, नदी के दूसरी ओर गांव में रहने वाले लोग प्रखंड मुख्यालय में आने के लिए नदी के किनारे खड़े होकर बाढ़ कम होने का इंतजार कर रहे हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई वर्षों बाद नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है. बाढ़ के कारण पुल की रेलिंग का एक पाइप भी टूट गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।इधर, प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सुग्गा बांध भी अपने रौद्र रूप में दिख रहा है. नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण सुग्गा बांध फॉल में काफी तेजी से पानी गिरने से आसपास का इलाका धुआं-धुआं सा दिख रहा है. पर्यटन स्थल के इस विहंगम नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. लोध फॉल का नजारा भी काफी विकराल हो गया है. वहीं, मिचाईया फॉल का दृश्य भी अपने पूरे शबाब पर है।महुआडांड़ और गारू में बहने वाली अधिकांश नदियां पहाड़ी नदियां हैं, जो छत्तीसगढ़ से निकलने वाली नदियों से जुड़ी हुई हैं. पहाड़ी नदी होने के कारण जब बाढ़ आता है तो पानी का बहाव बहुत तेज और खतरनाक हो जाता है. मामूली बाढ़ आने पर भी नदी को पार करना खतरे से खाली नहीं होता।

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